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गुरुवार, 2 अप्रैल 2009

हाइकु गीत

नलिनीकांत, प. बंगाल।

सबसे बड़ा

प्रश्न और उत्तर

मधुर मौन।

गाछ-गाछ के

पत्ते-पत्ते पे लिखा

प्रभु का पत्र।

सही शख्स को

मिलती है जिंदगी

मौत के बाद।

मुस्काया मुन्ना

तो खुशियों से भरा

आँचल माँ का।

बूंदों की चोट

टीन पर, गोलियां

ज्यों पीठ पर।

मेघ मल्हार

गा रही रसवन्ती

वधु श्रावणी।

फूल बेचता

हूँ मैं ताज़ा, फाव में

देता खुशबू।

लहरों का क्या

विश्वास किनारे को,

मारता धक्का.

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