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शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

धरोहर : स्व0 बलवीर सिंह 'रंग'

धरोहर :


इस स्तम्भ में विश्व की किसी भी भाषा की श्रेष्ठ मूल रचना देवनागरी लिपि में, हिंदी अनुवाद, रचनाकार का परिचय व चित्र, रचना की श्रेष्ठता का आधार जिस कारण पसंद है. संभव हो तो रचनाकार की जन्म-निधन तिथियाँ व कृति सूची दीजिए. धरोहर में आनंद लें स्व0 बलवीर सिंह 'रंग' की रचना का।

. स्व0 बलवीर सिंह 'रंग'             परिचय -
गीतकार  -.................................................स्व0 बलवीर सिंह 'रंग'
जीवनकाल -      .....................................1911 -  1984
जन्म -स्थान ---                 ..........              जिला -एटा   (उ0प्र0 )                                                                    

हमने जो भोगा सो गाया ।

अकथनीयता को दी वाणी                                             

वाणी को भाषा कल्याणी
कलम कमण्डल लिये हाथ में
दर-दर अलख जगाया
हमने जो भोगा सो गाया ।

सहज भाव से किया खुलासा

आँखों देखा हुआ तमाशा
कौन करेगा लेखा-जोखा
क्या खोया, क्या पाया
हमने जो भोगा सो गाया ।

पीडाओं के परिचायक हैं

और भला हम किस लायक हैं
अन्तर्मठ की प्राचीरों में
अनहद नाद गुँजाया
हमने जो भोगा सो गाया ।

          प्रस्तुतकर्ता-     कमल

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