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बुधवार, 10 अक्तूबर 2012

बाल गीत: आओ मिलकर संजीव 'सलिल'

बाल गीत:
आओ मिलकर
संजीव 'सलिल'
*




आओ मिलकर खेलें हम।
सुख-दुःख हँसकर झेलें हम।।

कदम ताल कर साथ चलें। हाथ-हाथ में ले लें हम।।

धूप-छाँव से क्या डरना?
तम को दूर ढकेलें हम।।

मतभेदों को भुला सकें।
झगड़े-झंझट ठेलें हम।।

संकट में मिल साथ रहें।
मात शत्रु को दे लें हम।।

श्रम-चूल्हा, कोशिश आटा,
मंजिल रोटी बेलें हम।।

बाधाओं की छाती में
शूल ऐक्य का पेलें हम।।

*****




1 टिप्पणी:

renu ahuja ने कहा…

श्रम-चूल्हा, कोशिश आटा,
मंजिल रोटी बेलें हम।।
WAAH SALIL JEE, KYAA PANKTI LIKHI HAI,
AUR BAAL GEET HO TO AISAA,
SARAL BHI AUR MUSHIKIL BHI PER SAHAJ HAI,
BEHAD PRERNAA DAAYI HAI.

AAJ KE PAATHYA-KRAM MAI AISEY HI BAAL GEETON KO SHAAMIL KIYAA JAANAA CHAAHIYE.

SHUBHKAAMNAAYEN.
WWW.KAVYAGAGAN.BLOGSPOT.COM