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रविवार, 28 सितंबर 2014

षट्पदी:

कूद शेर की बाड़ में, कहे न काहे शेर
सुन शायर को छोड़कर, खुद हो जाता ढेर
खुद हो जाता ढेर, खुदा से जाकर कहता
तुझसे ज्यादा ताकतवर धरती पर रहता
तू देता है मूल, पर वह वसूल ले सूद
शेर सुनाता सड़े, बाड़ में खुद आ कूद

सुन ली अंग्रेजी बहुत, अब सुन हिंदी बोल
खरी-खरी बातें रहीं, जो पोलें सब खोल
जो पोलें सब खोल, पाक की करतूतों की
दहशतगर्दी करें, रात-दिन मर्दूदों की
दुनिया ने थोड़े में ज्यादा बात समझ ली
राष्ट्र संघ में बोले सच्ची बातें मोदी

न्यायालय ने किया है, सच्चा-सुलझा न्याय
वे जायेंगे जेल जो, करते हैं अन्याय
करते हैं अन्याय, मिटाकर गरिमा पद की
जिन्हें न चिंता नेताओं के घटते कद की
भोग न हो स्वीकार जाएँ वे गर देवालय
दंड इन्हें हो साफ़ करें, सड़कें शौचालय

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1 टिप्पणी:

नवनीत राय 'रुचिर' ने कहा…

बहुत ही सुन्दर कुंडलियाँ . आपको हार्दिक बधाई.