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गुरुवार, 25 सितंबर 2014

muktak: sanjiv







  1. मुक्तक सलिला:

  2. मंगल पर पग रख दिया 
    नाम देश का कर दिया
    इस रो में कोई नहीं-
    इसरो ने साबित किया।
    रो = कतार, पंक्ति 
    *
  3. शक्ति पर्व है, भक्ति पर्व है 
    सीमा पर जो घटित हो रहा
    उसे देखकर दिल रोता है 
    क्यों निवेश ही साध्य-सर्व है?
    *
  4. कोई न ले चीनी सामान 
    'लो देशी' अब हो अभियान 
    घाटा करें समाप्त तुरत 
    लेन-देन हो एक समान 
    *
  5. दोहा मुक्तक:
    आये आकर चले गए, मिटी नहीं तकरार
    दिलविहीन दिलवर रहा, बेदिल था दिलदार 
    समाचार-फोटो कहें, खूब मिले थे हाथ
    धन्यवाद ये कह रहे, वे कहते आभार 
    *

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