कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 23 अक्तूबर 2014

sortha muktak

सोरठा मुक्तक:

तन-मन रखिए साफ़, तब होगी दीपावली 
दुश्मन को कर माफ़, नीति नहीं है यह भली 
परख मीत की आप, करिए संकट में सदा-
दीन पाये इन्साफ, तब समझें विपदा टली 
*

कोई टिप्पणी नहीं: