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सोमवार, 24 नवंबर 2014

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पुस्तक सलिला: हिन्दी महिमा सागर

[पुस्तक विवरण: हिन्दी महिमा सागर, संपादक डॉ. किरण पाल सिंह, आकार डिमाई, आवरण बहुरंगी पेपरबैक, पृष्ठ २०४, प्रकाशक भारतीय राजभाषा विकास संस्थान, १००/२ कृष्ण नगर, देहरादून २४८००१]

हिंदी दिवस पर औपचारिक कार्यक्रमों की भीड़ में लीक से हटकर एक महत्वपूर्ण प्रकाशन हिंदी महिमा सागर का प्रकाशन है. इस सारस्वत अनुष्ठान के लिए संपादक डॉ. किरण पाल सिंह तथा प्रकाशक प्रकाशक भारतीय राजभाषा विकास संस्थान देहरादून साधुवाद के पात्र हैं. शताधिक कवियों की हिंदी पर केंद्रित रचनाओं का यह सारगर्भित संकलन हिंदी प्रेमियों तथा शोध छात्रों के लिए बहुत उपयोगी है. पुस्तक का आवरण तथा मुद्रण नयनाभिराम है. भारतेंदु हरिश्चंद्र जी, मैथिलीशरण जी, सेठ गोविन्ददास जी, गया प्रसाद शुक्ल सनेही, गोपाल सिंह नेपाली, प्रताप नारायण मिश्र, गिरिजा कुमार माथुर, डॉ. गिरिजा शंकर त्रिवेदी डॉ. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी, आदि के साथ समकालिक वरिष्ठों अटल जी, बालकवि बैरागी, डॉ. दाऊ दयाल गुप्ता, डॉ. गार्गी शरण मिश्र 'मराल' , संजीव वर्मा 'सलिल', आचार्य भगवत दुबे, डॉ. राजेंद्र मिलन, शंकर सक्सेना, डॉ. ब्रम्हजित गौतम, परमानन्द जड़िया, यश मालवीय आदि १०८ कवियों की हिंदी विषयक रचनाओं को पढ़ पाना अपने आपमें एक दुर्लभ अवसर तथा अनुभव है. मुख्यतः गीत, ग़ज़ल, दोहा, कुण्डलिया तथा छंद मुक्त कवितायेँ पाठक को बाँधने में समर्थ हैं.
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