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मंगलवार, 11 नवंबर 2014

THANKS RAIPUR

रायपुर धन्यवाद!

गत १० अक्टूबर को रायपुर आया था. रायपुर में १९५७-५८ में अक्षर ज्ञान पाया, यहीं मुझसे बड़ी बहन और मेरे विवाह हुए और अब जीवन संगिनी के कर्क रोग की रेडिएशन चिकित्सा संजीवनी अस्पताल में हुई। पिछली अनेक रचनाएँ संजीवनी अस्पताल और शैलेन्द्र नगर में हुईं।
आज १२ बजे कानपूर के लिए प्रस्थान, १२-१४ कानपुर प्रवास १४ -१७ लखनऊ प्रवास है।
संभवतः १८ को गृहनगर जबलपुर पहुँच सकूँगा। श्रीमती जी को बेटा मनवन्तर अपने साथ लेकर जबलपुर पहुंचेगा।
कानपूर-लखनऊ में मित्रों से मिलकर नव ऊर्जा मिलेगी ही।
एक बार फिर रायपुर धन्यवाद!

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