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शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

navgeet:

नवगीत:
cherry blossom, painting
नये साल की ख़ुशी मना ले
शूल त्याग कर फूल खिला ले
.
मानव है
तो हिंसा छोड़
पग विनाश जाते
ले मोड़
बैठ छाँह में
कर मत होड़
सुस्ता ले 
नव रिश्ते जोड़ 
मिल मुस्काकर गले लगा ले
.
नया साल 
है मीठा बोल 
कानों में मिसरी 
दे घोल
अंतर्मन की 
गाँठें खोल 
चलता चल  
है दुनिया गोल 
अपने सपने आप सजा ले 
.


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