फागुन का रंग : हाइकु के संग
*
आया फागुन
गोरी की पिचकारी
करे सावन
*
भंग में रंग?
कर गयी रे भोली
रंग में भंग
*
नवगीत ने
कविता को सिखाया
गुनगुनाना
*
मुखड़ा देखा
रस से सराबोर
अंतरा रीझा
*
गलबहियाँ
डाले बतरस से
कनबतियाँ
*
रंग-गुलाल
लिविन रिलेशन
मचा धमाल
*
रंग-रंग पे
है फागुनी निखार
अंग-अंग पे
*
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आया फागुन
गोरी की पिचकारी
करे सावन
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भंग में रंग?
कर गयी रे भोली
रंग में भंग
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नवगीत ने
कविता को सिखाया
गुनगुनाना
*
मुखड़ा देखा
रस से सराबोर
अंतरा रीझा
*
गलबहियाँ
डाले बतरस से
कनबतियाँ
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रंग-गुलाल
लिविन रिलेशन
मचा धमाल
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रंग-रंग पे
है फागुनी निखार
अंग-अंग पे
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