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बुधवार, 8 जून 2016

muktika

मुक्तिका 
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पहन जनेऊ, तिलक लगा ले।  
मेहनत मत कर, गाल बजा ले।। 
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किशन आप, हर भक्तन राधा 
मान, रास मत चूक रचा ले।। 
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घंटी-घंटा, झाँझ-मँजीरा 
बज, कीर्तन जमकर गा ले।।
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भोग दिखाकर ठाकुर जी को 
ठेंगा दिखा, आप ही खा ले।।
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हो न स्वर्गवासी लेकिन तू 
भू पर 'सलिल' स्वर्ग-सुख पा ले।।
***
२-५-२०१६ 
सी २५६ आवास विकास, हरदोई

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