tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post4678494465152729379..comments2024-03-29T15:18:43.757+05:30Comments on दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada : ashta maatrik chhand : sanjivDivya Narmadahttp://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-87863977045817378002014-06-11T07:03:53.098+05:302014-06-11T07:03:53.098+05:30कुसुम जी, महेश जी
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
अभी तो ...कुसुम जी, महेश जी <br />आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।<br />अभी तो बहुत कार्य शेष है. यदि पूर्ण कर सका तो पुस्तकाकार लाने का मन है. sanjivnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-29181538559948784492014-06-11T07:03:10.353+05:302014-06-11T07:03:10.353+05:30
Mahesh Dewedy mcdewedy@gmail.com
सलिल जी,
...<br />Mahesh Dewedy mcdewedy@gmail.com <br /><br />सलिल जी,<br /> आप के आलेख संग्रहणीय हैं. इन्हेँ पुस्तक के रूप मे प्रकाशित कराइये.<br /><br />महेश चंद्र द्विवेदीMahesh Dewedy via yahoogroups.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-83428070481628322392014-06-11T07:02:30.086+05:302014-06-11T07:02:30.086+05:30
Kusum Vir kusumvir@gmail.com [ekavita]
अद्भुत, ...<br />Kusum Vir kusumvir@gmail.com [ekavita] <br /><br />अद्भुत, आचार्य जी l <br />आपकी काव्य प्रतिभा को नमन l <br />सादर,<br />कुसुमkusumvir@gmail.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-86075016820620978182014-06-05T07:24:46.887+05:302014-06-05T07:24:46.887+05:30शार्दुला जी आपका अंतर्मन से आभार।
हिंदी छंद शास्त...शार्दुला जी आपका अंतर्मन से आभार। <br />हिंदी छंद शास्त्र के मानक ग्रन्थ 'छंद प्रभाकर' में ८ मात्रा का केवल एक छंद 'छवि' वर्णित है. 'छंद विधान' में 'छवि' व ' अखंड' दो छंद वर्णित हैं. <br />अष्ट मात्रिक कुल ३४ छंद रचे जा सकते हैं. इन्हें ५ वर्गों में वर्गीकृत कर हर वर्ग का एक छंद कुल ५ नये छंद यहाँ पहली बार प्रस्तुत किये हैं. साथ ही पूर्व वर्णित २ छंद भी हैं. <br />क्या छंदों का सृजन सार्थक है? <br />भानु जी १ से ६ मात्राओं के छंद नहीं बताये हैं. रचे हैं. क्या उन्हें प्रस्तुत करना उचित होगा?sanjivnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-48752275064322509422014-06-05T07:24:40.274+05:302014-06-05T07:24:40.274+05:30शार्दुला जी आपका अंतर्मन से आभार।
हिंदी छंद शास्त...शार्दुला जी आपका अंतर्मन से आभार। <br />हिंदी छंद शास्त्र के मानक ग्रन्थ 'छंद प्रभाकर' में ८ मात्रा का केवल एक छंद 'छवि' वर्णित है. 'छंद विधान' में 'छवि' व ' अखंड' दो छंद वर्णित हैं. <br />अष्ट मात्रिक कुल ३४ छंद रचे जा सकते हैं. इन्हें ५ वर्गों में वर्गीकृत कर हर वर्ग का एक छंद कुल ५ नये छंद यहाँ पहली बार प्रस्तुत किये हैं. साथ ही पूर्व वर्णित २ छंद भी हैं. <br />क्या छंदों का सृजन सार्थक है? <br />भानु जी १ से ६ मात्राओं के छंद नहीं बताये हैं. रचे हैं. क्या उन्हें प्रस्तुत करना उचित होगा?sanjivnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-45637515569510065092014-06-05T07:24:07.493+05:302014-06-05T07:24:07.493+05:30shar_j_n shar_j_n@yahoo.com [ekavita]
आदरणीय आचार...shar_j_n shar_j_n@yahoo.com [ekavita]<br /><br />आदरणीय आचार्य जी <br /><br />संभाव्य न सच <br /> सर्वदा घटित। <br /> दुर्भाग्य न पर <br /> हो सदा विजित। --- अति सुन्दर! <br /><br /><br />१. नहीं फैलने <br /> दें बीमारी। <br /> रहे न बाकी <br /> अब लाचारी। -- वाह वाह- ये तो जनस्वास्थ्य विभाग का नारा होना चाहिए !<br />--------<br /><br />१. सुनो प्रणेता! <br /> बनो विजेता। <br /> कहो कहानी, <br /> नित्य सुहानी। <br /> तजो बहाना, <br /> वचन निभाना। -- सुन्दर!<br /><br />२. कवि जी! युग की <br /> करुणा लिख दो. <br /> कविता अरुणा-<br /> वरुणा लिख दो. -- आह! क्या बात !<br /> <br />सादर शार्दुलाshar_j_n shar_j_n@yahoo.comnoreply@blogger.com