tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post6888339295611614318..comments2024-03-29T13:30:18.890+05:30Comments on दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada : chhand salila: hari chhand -sanjivDivya Narmadahttp://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-38030886962399287902014-05-10T07:04:21.221+05:302014-05-10T07:04:21.221+05:30शार्दुला जी
आपके आगमन से मंच पर जीवंतता का संचार ...शार्दुला जी<br />आपके आगमन से मंच पर जीवंतता का संचार हो जाता है. या दुष्कर कार्य को मिलना औचित्य को प्रमाणित करता है.<br />सभी से निवेदन है कि इन छंदों के लक्षणों को देखते हुए लिखें तो ग्रन्थ में उल्लेख के लिये सामयिक उदाहरण मिल सकेँगे।<br />आपको धन्यवाद। आपका पोस्टल एड्रेस चाहिए।sanjivnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-79052034799050638592014-05-10T07:03:58.342+05:302014-05-10T07:03:58.342+05:30shar_j_n, ekavita
आदरणीय आचार्य जी,
राखो पत / ...shar_j_n, ekavita<br /> <br />आदरणीय आचार्य जी, <br /><br />राखो पत / बनवारी / गिरधारी साँवरे <br />टेर रही / द्रुपदसुता / बिसरा मत बावरे <br />नंदलाल / जसुदासुत / अब न करो देर रे <br />चीर बढ़ा / पीर हरो / मेटो अंधेर रे <br /> --- क्या बात, क्या बात! <br /><br />२. सीता को/जंगल में/भेजा क्यों राम जी?<br /> राधा को/छोड़ा क्यों/बोलो कुछ श्याम जी??<br /> शिव त्यागें/सती कहो/कैसे यह ठीक है? <br /> नारी भी/त्यागे नर/क्यों न उचित लीक है? - -- सही है !<br /> <br />३. नेता जी / भाषण में / जो कुछ है बोलते <br /> बात नहीं / अपनी क्यों / पहले वे तोलते? <br /> मुकर रहे / कह-कहकर / माफी भी माँगते <br /> देश की / फ़िज़ां में / क्यों नफरत घोलते? - सौ टके की बात ! सच तो ये है कि बोलते वक्त अपनी असलियत पे आ जाते हैं, बाद में सबके दवाब में आ के लीपा-पोती होती है !<br />४. कौन किसे / बिना बात / चाहता-सराहता? -- :) <br /> कौन जो न / मुश्किलों से / आप दूर भागता? -- वाह वाह!<br /> लोभ, मोह / क्रोध द्रोह / छोड़ सका कौन है? -- वाह!<br /> ईश्वर से / कौन और / अधिक नहीं माँगता? -- क्या बात, क्या बात!<br />सादर शार्दुला shardula nogazanoreply@blogger.com