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शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

चिंतन : शिवानन्द वाणी

जब कभी तुम उभय-संभव तर्क में पड़ जाओ, तो तुम्हें
मार्ग निश्चित करने के लिए निपुण बनना चाहिए,
जिससे तुम्हे सीधी सफलता प्राप्त हो सके। इसके लिए
बुद्धि अति सूक्षम और कुशाग्र रहनी चाहिए।

YOU MUST BECOME AN EXPERT IN DECIDING
A LINE OF ACTION, WHEN YOU ARE IN A
DILEMMA, THAT CAN BRING SURE SUCCESS.
YOU MUST KEEP THE INSTRUMENT(BUDHHI)
VERY VERY SUBTLE AND SHARP.
(Swami Sivananda)

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