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शनिवार, 11 सितंबर 2010

भजन: सुन लो विनय गजानन संजीव 'सलिल'

भजन:
सुन लो विनय गजानन

संजीव 'सलिल'



जय गणेश विघ्नेश उमासुत, ऋद्धि-सिद्धि के नाथ.

हर बाधा हर शुभ करें, विनत नवाऊँ माथ..

*

सुन लो विनय गजानन मोरी

सुन लो विनय गजानन.

करो कृपा हो देश हमारा

सुरभित नंदन कानन....

*

करो कृपा आया हूँ देवा, स्वीकारो शत वंदन.

भावों की अंजलि अर्पित है, श्रृद्धा-निष्ठा चंदन..

जनवाणी-हिंदी जगवाणी

हो, वर दो मनभावन.

करो कृपा हो देश हमारा

सुरभित नंदन कानन....

*

नेह नर्मदा में अवगाहन, कर हम भारतवासी.

सफल साधन कर पायें,वर दो हे घट-घटवासी!

भारत माता का हर घर हो,

शिवसुत! तीरथ पावन.

करो कृपा हो देश हमारा

सुरभित नंदन कानन....

*

प्रकृति-पुत्र बनकर हम मानव, सबकी खुशी मनायें.

पर्यावरण प्रदूषण हरकर, भू पर स्वर्ग बसायें.

रहे 'सलिल' के मन में प्रभुवर

श्री गणेश तव आसन.

करो कृपा हो देश हमारा

सुरभित नंदन कानन....

*
दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम 

1 टिप्पणी:

गुड्डोदादी ने कहा…

नन्हे बिटवा भाई
चिरंजीव भवः
आज ही आपकी दिव्या नर्मदा टूल बार लोड की
कुछ कविताएँ भी पढ़ी
बहुत अच्छा लगा
आपकी शुद्ध हिंदी को समझने का प्रयास करूंगी
आशीर्वाद के साथ
आपकी
गुड्डोदादी चिकागो से