कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : १८ 'अग' से प्रारंभ शब्द : ५. --संजीव 'सलिल'

हिंदी शब्द सलिला : १८       संजीव 'सलिल'

*
संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, इ.-इंग्लिश/अंगरेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदास-कृत, राम.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत/संज्ञा, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, सूर.-सूरदास, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.     

'अग' से प्रारंभ शब्द : ५.

संजीव 'सलिल'
*
अगु - पु. सं. राहु, अन्धकार.
अगुआ - पु. आगे चलनेवाला, मुखिया. पथप्रदर्शक, विवाह तय करानेवाला, बिचौलिया, दलाल, बिचुआ, घटक,  आगे का हिस्सा.
अगुआई - स्त्री. नेतृत्व, मार्गदर्शन, अगवानी, नायकत्व.
अगुआना - सक्रि. अगुआ बनना, अक्रि. आगे जाना.
अगुआनी - स्त्री. आगे जाकर स्वागत करना.
अगुण - वि. सं. निर्गुण, गुणरहित, गुणहीन, अनाड़ी. पु. अवगुण, दोष.-ज्ञ -जिसे गुण की परख न हो, गँवार.-वादी/दिन-वि. दोष निकलने वाला, छिद्रान्वेषी.-शील-वि. अयोग्य, निकम्मा.
अगुणी / णिन - वि. सं. गुणहीन, निर्गुण.
अगुरु - पु. सं. अगर, शीशम का पेड़. वि. हल्का, लघु (वर्ण), निगुरा, गुरु से भिन्न, जो गुरु न हो.
अगुवा - पु. देखें अगुआ.
अगुवानी - स्त्री, देखें अगवानी.
अगुसरना - अक्रि. आगे बढ़ना.
अगुसारना - सक्रि. आगे बढ़ाना.
अगूठना - सक्रि. अगोटना, घेर लेना.
अगूठा -  पु. घेरा.
अगूढ़ -  वि. सं. प्रगट, स्पष्ट, सहज.-गंध-पु.,-गंधा-स्त्री. हींग.-भाव-वि. जिसका भाव/अर्थ गूढ़/छिपा न हो. सरलचित्त.
अगूता - अ. आगे, सामने.
अगृ - वि. सं. गृहहीन, बेघर, बिना घर-द्वार का. पु. वानप्रस्थ.
अगेंद्र - पु. सं. हिमालय, हिमगिरि.
अगेथू - पु. देखें अँगेथू.
अगेह - वि. सं. देखें अगृह.
अगोई - वि. स्त्री. जो गुप्त न हो, प्रगट. नोक या सिरा -'हिरनी की खुरियाँ... जिनकी नुकीली अगोइयों ने उसकी खाल उधेड़ दी हो. -नवनीत, दिसंबर १९६२.
अगोचर - वि. सं. जिसका ज्ञान इंद्रियों से न हो सके, इन्द्रियों से परे, इन्द्रियातीत, अप्रगट. पु. वह जो इन्द्रियातीत हो, वह जिसे देखा या जाना न जा सके, ब्रम्ह, ईश्वर, भगवान.
अगोट - पु. आड़, रोक, बाधा, अटक, आश्रय, सहारा, सुरह्षित स्थान. वि. अकेला, गुटरहित, सुरक्षित.
अगोटना - सक्रि. छेंकना, घेरना, छिपा/रोक रखना, फँसना, उलझना.
अगोता - अ. सम्मुख/आगे. पु. अगवानी.
अगोरदार - पु. रखवाली करनेवाला, रखवाला, रक्षक.
अगोरना - सक्रि. बाट जोहना, रखवाली करना, रोकना.
अगोरा - पु. अगोरने की क्रिया, रखवाली देखें अगोरिया.
अगोरिया - पु. खेत आदि की रखवाली करने वाला.
अगोही - पु. आगे की ओर निकले हुए सींगोंवाला बैल.
अगोह्य - वि. सं. जो छिपाये/ढँके जाने योग्य न हो, प्रकाश्य. 
अगौंड़ी - वि. जो गौंड़ (आदिवासियों की एक जाति) न हो. स्त्री. देखें अगाव.
अगौका (कस)  - पु. सं. पर्वतवासी, सिंह, पक्षी, शरभ.
अगौढ़ - पु. पेशगी/अग्रिम ड़ी जानेवाली रकम/धनराशि.
अगौता - अ. आगे. पु. अगवानी, पेशगी.
अगौनी - स्त्री. देखें अगवानी, बरात आने पर द्वार पूजा के समय छोड़ी जानेवाली आतिशबाजी. अ. आगे.
अगौरा - पु. देखें अगाव.
अगौरी/अगौली - स्त्री. एक तरह की ईख/गन्ना.
अगौहें - अ. आगे, आगे की ओर.
अग्ग - वि., अ. देखें अग्र.
अग्गरवाल - वि. वैश्यों/वणिकों का एक वर्ग., देखें अग्रवाल.
अग्गई - स्त्री. हाथभर लम्बी पत्तियोंवाला एक वृक्ष जो अवध क्षेत्र में अधिक पाया जाता है.
अग्गे - अ. आगे, अग्र.
अग्नायी - स्त्री. सं. अग्नि देव की स्त्री/शक्ति, स्वाहा, समिधा, त्रेता युग. 
                                                                                                                                                                     निरंतर......
    

कोई टिप्पणी नहीं: