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बुधवार, 27 अक्तूबर 2010

जनम जनम का साथ-----------रानी विशाल

जनम जनम का साथ-----------रानी विशाल













मांग सिंदूर, माथे पर बिंदिया
रचाई मेहंदी दोनों हाथ
साज सिंगार कर, आज मैं निखरी
लिए भाग सुहाग की आस
प्रिय यह जनम-जनम का साथ

पुण्य घड़ी का पुण्य मिलन बना 
मेरे जग जीवन की आस
पूर्ण हुई मैं, परिपूर्ण आभिलाषा 
जब से पाया पुनीत यह साथ
प्रिय यह जनम-जनम का साथ

व्रत, पूजन कर दे अर्ध्य चन्द्र को
मांगू आशीष विशाल ये आज
जियूं सुहागन, मरू सुगागन 
रहे अमर प्रेम सदा साथ
प्रिय यह जनम जनम का साथ

हर युग, हर जीवन, मिले साथ तुम्हारा
रहे तुम्हीं से चमकते भाग
मैं-तुम, तुम-मैं, रहे एक सदा हम
कभी ना छूटे यह विश्वास
प्रिय यह जनम-जनम का साथ 



आज करवा चौथ के पावन दिन पूरी आस्था और विश्वास के साथ परम पिता परमेश्वर के चरणों में यह परम अभिलाषा समर्पित है और आप सभी मेरे ब्लॉग परिवार को भी मेरा चरण वंदन आज कमेन्ट में अपने स्नेह के साथ यही आशीष प्रदान करें कि मैं हर जीवन हर जन्म अखंड विशाल सौभाग्य प्राप्त करूँ ....

6 टिप्‍पणियां:

Divya Narmada ने कहा…

रानी-राजा की रहे जोड़ी प्रभु खुशहाल.
राजकुमारी अनुष्का करती रहे निहाल.
करती रहे निहाल शरारत से मन मोहे.
कुण्डलिनी सी बातें नित अधरों पर सोहें.
सदा सुहागिन श्वास-आस, हो मधुरा बानी.
नेह नर्मदा नित्य नहायें राज-रानी.

रानीविशाल ने कहा…

आपके मूल्यवान आशीर्वाद से मैं सपरिवार धन्य हुई ....... आपने मेरी इस रचना को दिव्य नर्मदा पर स्थान दिया हृदय से आभारी हूँ .
सादर

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

वाह...यहां भी...बहुत सुन्दर...
सुखमय जीवन की शुभकामनाएं.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

तुम्हारी मनोकामना पूर्ण हो ...यही शुभकामनायें हैं ...पूरे परिवार के लिए आशीष

संजय भास्‍कर ने कहा…

..बहुत सुन्दर...
...........तुम्हारी मनोकामना पूर्ण हो

संजय भास्‍कर ने कहा…

Meri Didi hai hi aisi.....
Bhut hi sunder lag rahi ho aaj...