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रविवार, 26 दिसंबर 2010

नव वर्ष पर अग्रिम उपहार: अटल जी की कविताएँ...



नव वर्ष  पर अग्रिम उपहार:

अटल जी की कविताएँ...

टूटे हुए सपने की सुने कौन सिसकी,
अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी,
हार नहीं मानूंगा,
रार नई ठानूंगा,
काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूं,
...गीत नया गाता हूँ, गीत नया गाता हूँ..

पूर्व प्रधानमन्त्री और महाकवि अटल जी को 86 वें जन्मदिवस की शुभकामनाएं!!





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