मुक्तिका
*
दर्द अश्कों में ढल गया होगा.
ख्वाब आँखों में पल गया होगा..
छाछ वो फूँक-फूँक पीता है.
दूध से भी जो जल गया होगा..
आज उसको नजर नहीं आता.
देखने को जो कल गया होगा..
ओ मा! 'बा' ने मिटा दिया 'सा' को*
छल को छल, छल से छल गया होगा..
बहू ने की नहीं, हुई गलती
खीर में नमक डल गया होगा..
दोस्त दुश्मन से भी बुरा है जो
दाल छाती पे दल गया होगा..
खोटे सिक्के से हारता है खरा.
जो है कुर्सी पे चल गया होगा..
नाम के उलट काम कर बेबस
बस में जा अटल टल गया होगा..
दोष सीता न, राम जी का था
लोक को तंत्र खल गया होगा..
हेय पूरब न श्रेष्ठ है पश्चिम.
बीज जैसा था, फल गया होगा..
*********
* ओबामा ने ओसामा को मिटा दिया.
दर्द अश्कों में
संजीव 'सलिल'*
दर्द अश्कों में ढल गया होगा.
ख्वाब आँखों में पल गया होगा..
छाछ वो फूँक-फूँक पीता है.
दूध से भी जो जल गया होगा..
आज उसको नजर नहीं आता.
देखने को जो कल गया होगा..
ओ मा! 'बा' ने मिटा दिया 'सा' को*
छल को छल, छल से छल गया होगा..
बहू ने की नहीं, हुई गलती
खीर में नमक डल गया होगा..
दोस्त दुश्मन से भी बुरा है जो
दाल छाती पे दल गया होगा..
खोटे सिक्के से हारता है खरा.
जो है कुर्सी पे चल गया होगा..
नाम के उलट काम कर बेबस
बस में जा अटल टल गया होगा..
दोष सीता न, राम जी का था
लोक को तंत्र खल गया होगा..
हेय पूरब न श्रेष्ठ है पश्चिम.
बीज जैसा था, फल गया होगा..
*********
* ओबामा ने ओसामा को मिटा दिया.
1 टिप्पणी:
सलिल जी,
निम्न विशेष अच्छे लगे--
*
दर्द अश्कों में ढल गया होगा.
ख्वाब आँखों में पल गया होगा..
छाछ वो फूँक-फूँक पीता है.
दूध से भी जो जल गया होगा..
बहू ने की नहीं, हुई गलती
खीर में नमक डल गया होगा..
दोष सीता न, राम जी का था
लोक को तंत्र खल गया होगा..
हेय पूरब न श्रेष्ठ है पश्चिम.
बीज जैसा था, फल गया होगा..
--ख़लिश
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