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शनिवार, 11 जून 2011

आपकी मृत्यु के बाद आपके ई-मेल एकाउन्ट का क्या होगा ?

आपकी मृत्यु के बाद आपके ई-मेल एकाउन्ट का क्या होगा ?

क्या आपने अपने ई-मेलमें  ‘पहेला पहेला प्यार’ वाला पत्र संजो के रखा हें? या किशी के साथ फ्लर्टींग किये हुए और लव-लेटर वाले ई-मेल संजो के रखे हें.? तो, शायद  आपकी मृत्यु के बाद ये सब गुप्त बाते आपकी पत्नी या परिवारजन जान जायेंगे.


क्युकि ईन्टरनेट उपर वेबमेल सर्विस कंपनीया जैसे की याहु, गूगल और  होटमेल द्वारा अभी तक यह निश्चित नहीं कर सके हें की आपकी  ईनबोक्सका  मृत्यु बाद क्या किया जायेगा ?

वास्तवमां ई-मेल सर्विस प्रयोक्ता गूगल और  होटमेल कंपनी सोच रही की युझर की  मृत्यु बाद उसके ई-मेल एकाउन्टको  उपयोगकर्ता युझरके  परिवारजनोको  अथवा तो उसके वारसदारको सोप दी जाये.



यहाँ एक बात उल्लेखनीय हें की गूगलके  Gmail के किशी भी ईमेल एकाउन्टमें  7 GB अथवा तो अंदाजित 70,000 ईमेलको स्टोर कर शकने की छमता  हें.
   


आपकी मृत्यु बाद ई-मेल एकाउन्टको नस्ट करनेकी बात करे तो, होटमेल के द्वारा  जिस  एकाउन्टका उपयोग 270 दिन या उससे अधिक समय तक न हुआ हो उस एकाउन्ट को डीलीट कर दिया जायेगा. जबकि Gmail युझरके  वारसदारको या परिवारजनोको देने की सोच रहा हें.

जबकि ईन्टरनेट जगतकी अन्य बड़ी वेबमेल कंपनी याहू द्वारा युझरके  मृत्यु बाद वारसदार या  परिवारजनोको  एकाउन्टका  उपयोग करने देने का साफ ईन्कार किया हें. याहूके  प्रवक्ताने कहा हें की अगर युझर अपनी वसियतनामामें ई-मेल एकाउन्टके उपयोग या परमपरागत के लिए उल्लेख किया होगा तो उसके अनुसार उपयोग के लिए सोपा जायेगा .

इस विषय में और अधिक चर्चा करे तो सोशियल नेटवर्किंगनी नं.1 साईट फेसबुक(Facebook) द्वारा एक फीचर दिया गया हें जिसे ‘मेमोरिअलाईझेशन’ कहते हें. जिसमे मृतकके  परिवारजनो उस युझरके  प्रोफाईल पेज को ओनलाईन ‘वर्च्युअल श्रद्धांजलि’ के रूप में रख सकेंगे.

जबकि दूसरी सोशियल नेटवर्क साईट मायस्पेस (Myspace) द्वारा बताया गया हें की वारसदारको  मृतक युझरके  एकाउन्टका उपयोग सौंपने के बारे मेंजरूरियातको  धयान में रख कर फैसला किया जायेगा. परोक्ष रीतसे मायस्पेस मृतक युझर के  संवेदनशील माहितीओको  किसी अन्यके  हाथमें  सोंपने को तैयार नहीं है.
आभार: ब्लॉग तकनीक

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