कुल पेज दृश्य

रविवार, 29 जुलाई 2012

आज की कविता: हम तो जो हैं वही रहेंगे --रेखा राजवंशी

आज की कविता 

हम तो जो हैं वही रहेंगे




रेखा राजवंशी
सिडनी, ऑस्ट्रेलिया
 
***
 
 चाहे हमको साहिल समझो
या फिर हमको कातिल समझो
या आवारा,
 जाहिल  समझो
समझ तुम्हारी, सोच तुम्हारी
हम तो जो हैं वही रहेंगे
फिर भी अपनी बात कहेंगे

चाहे हमको पागल समझो
या फिर बीत गया कल समझो
या आने वाला पल समझो
समझ तुम्हारी, सोच तुम्हारी
हम तो जो हैं वही रहेंगे
फिर भी अपनी बात कहेंगे

चाहे हमको मंजिल समझो
या फिर हमको महफ़िल समझो
या हमको आशिक दिल समझो
समझ तुम्हारी, सोच तुम्हारी
हम तो जो हैं वही रहेंगे
फिर भी अपनी बात कहेंगे

***

कोई टिप्पणी नहीं: