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शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

रचनाकार परिचय 1. ललित अहलूवालिया 'आतिश'


रचनाकार परिचय 1. 
नाम        : ललित अहलूवालिया 'आतिश'
जन्म       :  नई-देहली, भारत। निवास     :  न्यू-यॉर्क (USA).
शिक्षा      :  बी.ऐ. ऑनर्स (हिन्दी) देहली, एम्.ऐ. (हिन्दू-धर्म दर्शनशास्त्र) आगरा, 
व्यवसाय : Free-Lance  Writer / Director / Music composer.
3 Segment Work shop at Film-craft Philadelphia USA.
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1968  :  
सूचना व प्रसारण मंत्रालय (दूरदर्शन) के 'गीत व नाटक विभाग' में नाटक-कार के पद पर नियुक्त |  एक दशक अपनी नाटक कला से देहली वासियों का मनोरंजन किया तथा रंगमंच की दुनिया में अपना एक स्थान बनाया |
शंभू मित्रा के बंगाली नाटक 'दुई महल' का हिन्दी रूपांतर 'दो रूप ', श्री उत्पल दत्त द्वारा रचित 'फरारी फ़ौज ' का हिन्दीकरण उल्लेखनीय हैं |  स्वलिखित व निर्देशित नाटक  'कंकाल '  १९७० ने उन दिनों के रंग-मंच को नए आयामों से अवगत करवाया तथा एक नई दिशा की ओर मोड़ दिया |  दिग्गज संगीत शास्त्रियों द्वारा संगीत की शिक्षा भी प्राप्त की |  इसके अंतर्गत नाटक के प्रस्तुतिकरण व निर्देशन का अनुभव तथा इस क्षेत्र में प्रौढ़ता का आभास हुआ |  
1978 :
बचपन से नाटकों का प्रबल प्रभाव होने के कारण सिनेमा से बहुत लगाव रहा। फिल्म निर्माण की तक्नीकी शिक्षा हेतु अमरीका आकर स्थाई तौर पर न्यू-यॉर्क में बस गए |  यहाँ भी रंगमंच के प्रति निष्ठा नही छोड़ी और भारतीय विद्या भवन के सौजन्य से अपनी हास्य-एकांकी नाटिका 'बेग़म भाग गयी ' का  प्रस्तुतिकरण किया जिसके लेखन व निर्देशन के लिए सम्मानित किया गया |  

1983 :              
अमरीका में कई छोटी-बड़ी हिंदी संस्थाओं का जन्म हुआ तथा हिंदी रंगमंच व साहित्य विस्तृत हुआ |  'कोई है' शीर्षक से एक फिल्म का निर्माण व निर्देशन किया |  न्यू-यॉर्क में हिंदी के उत्तम अभिनय-कारों के aअभाव के कारण फिल्म अधिक नही सराही गयी, किन्तु नाम प्रवासी भारतीयों में प्रचलित हो गया| 
1995-97: 
स्वयं लिखित व निर्देशित टी.वी. सीरियल 'मौसम ' भारत व विदेशों के टी.वी. चैनल में बहुत चर्चित रहा |  अमरीका में हिंदी-माध्यम में किया गया ये पहला प्रयास था जो भारत के दूरर्शन तक पहुंचाया गया था | 
2000 :  
अनूप जलोटा के भजनों की सी.डी. को स्वरबद्ध करने का प्रयोजन भी बहुत सराहनीय रहा |   विडिओ-विज़न कम्पनी द्वारा प्रायोजित बहुत से टी.वी. कार्यक्रम 'उस पार' व 'डौलर बहू'  इत्यादि के मुख्य-गीत लिखने का अवसर प्राप्त हुआ तथा पार्श्व-गायक श्री सुरेश वाडकर व रूप राठौर के साथ टी.वी. सीरियल के मुख्य-गीत बनाने का अवसर प्राप्त हुआ |   इसी कंपनी द्वारा प्रदर्शित 'दिव्य-ज्योति'  व प्रसिद्ध सितार-वादक उस्ताद विलायत खान पर छोटा चल'चित्र लिखा व निर्देशित किया जो चर्चित हुआ  |  
2010-12 :  
अमरीकन चलचित्र 'The Festival Of Lights'  में एक पात्र निभाने का भी अवसर मिला जो काफ़ी सराहा गया |  हाल ही में कविताओं व गजलों पर निर्देशित किया म्यूजिक डी.वी.डी. 'Poetry 'N Emotions...' काफी सराहनीय व चर्चा में है |      
              अमरीका जैसे ग़ैर भाषा-भाषी देश में रहकर भी लेखन की प्रक्रिया को जीवंत बनाए रखा व  स्थानीय लोकप्रियता बढ़ायी| पहली हिंदी पुस्तक (कविता-संग्रह) 'पंखी ' नाम से  सन २००० में देहली से प्रकाशित हुई; तथा उसके बाद उर्दू ग़ज़ल व नज़्म की क़िताब 'अर्ज़ किया है'  भाग एक, व भाग दो प्रकाशित हुई |  इसके इलावा हिंदी पत्रिकाओं में लघु कथाएं यदा-कदा प्रकाशित हुई, व हो रही हैं |
जल्द ही प्रकाशित होने वाली पुस्तकें है....

'सुरमई आकाश के काले सफ़ेद घोड़े ...'  सत्य-कथाओं पर आधारित कहानी-संग्रह (हिन्दी) देहली प्रकाशन में |
'The Time After...'   (9 short-stories in English)  under publication  in Delhi.
'कोलकाता बौय ...' उपन्यास (हिन्दी व अंग्रेज़ी में) समाप्ति पर...
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