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शनिवार, 6 जुलाई 2013

doha salila: madhu gupta

दोहा सलिला:

मधु गुप्ता
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धन-दौलत का पुल बना,जिस पर धावक तीन                     
चढ़ मर्यादा-मान पर, अहं बजावे बीन  

दुःख का कितना माप है, आँसू कितने ग्राम  
नयन तराजू तौलते, भीतर-बाहर थाम 
                 
पत्थर-ईंटें चीन्हकर,  महल लिये चिनवाय 
पाहुन आवत देखकर, नाहक द्वार ढुकाये ?

ईश-दरश  को हम गए, माथे लिया प्रणाम 
क्षण में अर्पित कर दिया, जीवन प्रभु के नाम  
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Madhu Gupta via yahoogroups.com 

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