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गुरुवार, 26 सितंबर 2013

doha anupras ka: sanjiv

दोहा सलिला:
एक दोहा अनुप्रास का
संजीव
*
शिशु शशि शीश शशीश पर, शशिवदनी शुभ साथ
शोभित शशि सी शशिमुखी, मोहित शिव शशिनाथ
शशीश अर्थात चन्द्रमा के स्वामी शिव जी के मस्तक पर बाल चन्द्र शोभायमान है, चन्द्रवदनी चन्द्रमुखी पावती जी उनके साथ  हैं जिन्हें निहारकर शिव जी मुग्ध हो रहे हैं.
*

Sanjiv verma 'Salil'
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.in

9 टिप्‍पणियां:

chandawarkarsm@gmail.com ने कहा…

Sitaram Chandawarkar via yahoogroups.com

आचार्य ’सलिल’ जी,
अति सुन्दर! एक चिर संग्राह्य दोहा!
सस्नेह
सीताराम चंदावरकर

DRONA CHARY ने कहा…

DRONA CHARY

i like it too

guddo dadi ने कहा…

नन्हे भाई
आशीर्वाद अति सुंदर
धन्यवाद

gautamrb03@yahoo.com ने कहा…

Ram Gautam

आ. आचार्य 'सलिल' जी,

दोहा अनुप्रास का, वह भी अर्थपूर्ण समझते हुए बहुत ही सुंदर लगा |
हमारा शब्द- ज्ञान इस प्रकार के अनुप्रास से बढ़ रहा है आपको इसके
लिए बहुत- बहुत धन्यवाद, आभार के साथ -
सादर- गौतम

sn Sharma via yahoogroups.com ने कहा…

sn Sharma via yahoogroups.com

वाह आचार्य जी वाह ,
"शिशु शशि शीश शशीश पर" सुन्दर और अनोखा प्रयोग!
नमन
सादर कमल

Santosh Bhauwala via yahoogroups.com ने कहा…

Santosh Bhauwala via yahoogroups.com

आदरणीय संजीव जी,

दोहा अनुप्रास बहुत अच्छा लगा शशि के इतने सारे प्रयोग देखने को मिले ,साधुवाद

संतोष भाऊवाला

kusum vir ने कहा…

Kusum Vir via yahoogroups.com

आदरणीय आचार्य जी,
वाह ! क्या बात !
अनुपम, अति सुन्दर l
सादर,
कुसुम वीर

mcdewedy@gmail.com ने कहा…

Mahesh Dewedy via yahoogroups.com

सलिल जी,

आप ने तो अनुप्रास अलंकार को भी अलंकृत करदिया है. बधाई.

महेश चंद्र द्विवेदी

sanjiv ने कहा…

शिव-शिव से जुड़ना वस्तुतः अनुप्रास अलंकार का सौभाग्य ही है.