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बुधवार, 9 अक्तूबर 2013

narmada stuti - sanjiv

माँ (नर्मदा स्तुति

संजीव
*
शिवतनया सतपुड़ा-विन्ध्य की बहिना सुगढ़ सलौनी
गोद अमरकंटक की खेलीं, उछल-कूद मृग-छौनी
डिंडोरी में शैशव, मंडला में बचपन मुस्काया
अठखेली कैशोर्य करे, संयम कब मन को भाया?
गौरीघाट किया तप, भेड़ाघाट छलांग लगाई-
रूप देखकर संगमरमरी शिला सिहर सँकुचाई

कलकल धार निनादित हरती थकन, ताप पल भर में
सांकल घाट पधारे शंकर, धारण जागृत करने
पापमुक्त कर ब्रम्हा को ब्रम्हांड घाट में मैया
चली नर्मदापुरम तवा को किया समाहित कैंया
ओंकारेश्वर को पावन कर शूलपाणी को तारा
सोमनाथपूजक सागर ने जल्दी आओ तुम्हें पुकारा
जीवन दे गुर्जर प्रदेश को उत्तर गंग कहायीं
जेठी को करने प्रणाम माँ गंगा तुम तक आयीं
त्रिपुर बसे-उजड़े शिव का वात्सल्य-क्रोध अवलोका
बाणासुर-दशशीश लड़े चुप रहीं न पल भर टोका
अहंकार कर विन्ध्य उठा, जन-पथ रोका-पछताया
ऋषि अगस्त्य ने कद बौनाकर पल में मान घटाया
वनवासी सिय-राम तुम्हारा आशिष ले बढ़ पाये
कृष्ण और पांडव तव तट पर बार-बार थे आये
परशुराम, भृगु, जाबाली, वाल्मीक हुए आशीषित
मंडन मिश्र-भारती गृह में शुक-मैना भी शिक्षित
गौरव-गरिमा अजब-अनूठी जो जाने तर जाए
मैया जगततारिणी भव से पल में पार लगाए
कर जोड़े 'संजीव' प्रार्थना करे गोद में लेना
मृण्मय तन को निज आँचल में शरण अंत में देना
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facebook: sahiyta salila / sanjiv ver

5 टिप्‍पणियां:

lavnya ने कहा…

LL

पवित्र भाव माँ नर्मदा के चरणों का क्र रहे अभिनन्दन
माँ नर्मदा की कृपा बनी रहे।
अस्तु
- Lavanya

Nameste

lavnya ने कहा…

LL

पवित्र भाव माँ नर्मदा के चरणों का क्र रहे अभिनन्दन
माँ नर्मदा की कृपा बनी रहे।
अस्तु
- Lavanya

Nameste

Pranava Bharti द्वारा yahoogroups.com ने कहा…

Pranava Bharti द्वारा yahoogroups.com

माँ की कृपा ,हर पल सब पर हो!
यही भावना , प्रार्थना,कामना
सादर
प्रणव

Pranava Bharti द्वारा yahoogroups.com ने कहा…

Pranava Bharti द्वारा yahoogroups.com

आ. सलिल जी !
नर्मदा की दिव्य स्तुति सांझा करने हेतु
आपको सादर नमन
सादर
प्रणव

achal verma ने कहा…

achal verma

नर्मदा के बारे में पढकर लगता है माँ गँगे की स्तुति ही पढ रहा हूँ
दोनो ही नदियाँ स्तुत्य है , अन्तर है तो बस स्थान का ।
पानी तो दोनों का ही जीवनदाई है ॥