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बुधवार, 22 जनवरी 2014

hasya salila: aurat bhee le lo -sanjiv

हास्य सलिला:
औरत भी ले लो.…
संजीव
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लाली जी से हो गए जब लालू जी तंग
जा मुशायरे में किया 'सलिल' रंग में भंग
' ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो'
सुन भर आह कहा: 'मेरी औरत भी ले लो'
मैंने झेली बहुत मुसीबत तुम भी झेलो
लिये-दिए बिन बस शब्दों के खेल न खेलो
सुन हुड़दंगा मच गया, ताली सीटी शोर
श्रोता चीखे: 'लालू जी वंस मोर, वंस मोर'

आगबबूला हो गयीं लाली सुन संवाद
गरजीं: 'लल्ली के डुकर! कर लो नानी याद
अबकी लड़े चुनाव तो तुम्हें न दूँगी वोट
सबसे बोलीं नियत में आई तुमरी खोट
मुझसे पंगा लिया है नहीं रहेगी खैर
तुमको मँहगा पड़ेगा मुझसे लेना बैर
सिट्टी-पिट्टी गुम हुई लालू भूले स्वांग
चरण पकड़ माफी मँगी तुम राइट मैं रोंग

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