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शनिवार, 25 अक्तूबर 2014

soratha:

सोरठा :

कचरा दिया बिखेर, साफ़-सफाई खूब कर
नदी कर रहे पार, जैसे खुद ही डूब कर

रूपए करोड़ों फूँक, फोड़ पटाखे हम रहे
क्यों न दवाई बाँट, रोग गऱीबों के हरें

रूपया-रूपया जोड़, गुल्लक अपनी कुछ भरी
दीवाली पर फोड़, रकम सेठ-गल्ले धरी
*


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