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रविवार, 23 नवंबर 2014

नवगीत महोत्सव लखनऊ : १५-१६ नवंबर २०१४ 
लखनऊ : गोमतो नगर विभूति खण्ड स्थित
 कालिन्दी विला में दो दिवसीय नवगीत 
महोत्सव 2014 का शुभारम्भ 15 नवम्बर 
की सुबह 8 बजे हुआ। अनुभूति, अभिव्यक्ति 
व नवगीत की पाठशाला के माध्यम से वेब
 पर नवगीत के व्यापक प्रसार हेतु प्रतिबद्ध 
अभिव्यक्ति विश्वम द्वारा आयोजित यह 
कार्यक्रम न केवल अपनी रचनात्मकता एवं  
मौलिकता हेतु जाना जाता है, बल्कि नवगीत के शिल्प और कथ्य के 
विविध पहलुओं से परिचय भी कराता है। यह कार्यक्रम पिछले  चार वर्षों 
से लखनऊ में सम्पन्न हो रहा है। 
 
संयोजक: पूर्णिमा वर्मन, प्रवीण सक्सैना, सहयोग: श्रीकांत मिश्र-रोहित रुसिआ  
कार्यक्रम का शुभारम्भ देश-विदेश से पधारे नए-पुराने साहित्यकारों की 
उपस्थिति में वरिष्ठ नवगीतकार सर्वश्री कुमार रवीन्द्र, राम सेंगर, धनन्जय 
सिंह, बुद्धिनाथ मिश्र, निर्मल शुक्ल, राम नारायण रमण,शीलेन्द्र सिंह चौहान, 
बृजेश श्रीवास्तव, डॉ. अनिल मिश्र एवं जगदीश व्योम के द्वारा माँ सरस्वती के 
समक्ष दीप-प्रज्ज्वलन से हुआ।
 
  डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र,       कुमार रवीन्द्र,  ब्रजेश श्रीवास्तव,     राम सेंगर,  धनञ्जय सिंह 
प्रथम सत्र में चर्चित चित्रकार-प्राध्यापक डॉ राजीव नयन जी ने शब्द-रंग पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। नए-पुराने नवगीतकारों के गीतों पर आधारित यह पोस्टर प्रदर्शनी आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। ये पोस्टर पूर्णिमा वर्मन, रोहित रूसिया, विजेंद्र विज एवं अमित कल्ला द्वारा तैयार किये गए थे।\
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में लब्धप्रतिष्ठित गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र का 'गीत और नवगीत में अंतर' शीर्षक पर व्याख्यान हुआ। आपका कहना था कि नवगीत का प्रादुर्भाव हुआ ही इसलिये था कि एक ओर हिन्दी कविता लगातार दूरूह होती जा रही थी, और दूसरी ओर हिन्दी साहित्य में शब्द-प्रवाह को तिरोहित किया जाना बहुत कठिन था। अतः नवगीत नव-लय-ताल-छंद और कथ्य के साथ सामने आया।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में देश भर से आये वरिष्ठ नवगीतकारों द्वारा नवगीतों का पाठ हुआ। इस सत्र के प्रमुख आकर्षण रहे - श्रद्धेय कुमार रवीन्द्र, राम सेंगर, अवध बिहारी श्रीवास्तव, राम नारायण रमण, श्याम श्रीवास्तव, ब्रजेश श्रीवास्तव, शीलेन्द्र सिंह चौहान, डॉ मृदुल, राकेश चक्र, जगदीश पंकज एवं अनिल मिश्रा। कार्यक्रम के अध्यक्ष कुमार रवीन्द्र जी  एवं मुख्य अतिथि राम सेंगर जी रहे। मंच संचालन अवनीश सिंह चौहान ने किया।
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