नवगीत:
दहशत फैला
सका नहीं
तूफां नीलोफर
गर्जन-तर्जन बेमानी है
भारत के तट रहे सुरक्षित
पाकिस्तान सम्हाले खुद को
दहशतगर्दों से है भक्षित
जनप्रतिनिधि
सेना के आगे
दबते शोफर
यहाँ शांति की परंपरा है
उर्वर-उन्नत तंत्र खड़ा है
कोई छोटा नहीं किसी से
कोई किसी से नहीं बड़ा है
भारत माँ के
लिये समर्पित
सीकर बोकर
नहीं किसी से कभी
उलझने हम जाते हैं.
खुद आकर जो उलझे
हमसे पछताते हैं
करें मित्र से प्रेम
शत्रु को
माँरें ठोकर
***
दहशत फैला
सका नहीं
तूफां नीलोफर
गर्जन-तर्जन बेमानी है
भारत के तट रहे सुरक्षित
पाकिस्तान सम्हाले खुद को
दहशतगर्दों से है भक्षित
जनप्रतिनिधि
सेना के आगे
दबते शोफर
यहाँ शांति की परंपरा है
उर्वर-उन्नत तंत्र खड़ा है
कोई छोटा नहीं किसी से
कोई किसी से नहीं बड़ा है
भारत माँ के
लिये समर्पित
सीकर बोकर
नहीं किसी से कभी
उलझने हम जाते हैं.
खुद आकर जो उलझे
हमसे पछताते हैं
करें मित्र से प्रेम
शत्रु को
माँरें ठोकर
***
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