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सोमवार, 8 जून 2015

haiku: sanjiv

हाइकु:
संजीव    
*
हर-सिंगार 
शशि  भभूत नाग 
रूप अपार 
*
रूप को देख 
धूप ठिठक गयी
छवि है नयी 
*

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