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गुरुवार, 17 नवंबर 2016

कार्य शाला
छंद-बहर दोउ एक हैं २
*
गीत
फ़साना
(छंद- दस मात्रिक दैशिक जातीय, षडाक्षरी गायत्री जातीय सोमराजी छंद)
[बहर- फऊलुन फऊलुन १२२ १२२]
*
कहेगा-सुनेगा
सुनेगा-कहेगा
हमारा तुम्हारा
फसाना जमाना
*
तुम्हें देखता हूँ
तुम्हें चाहता हूँ
तुम्हें माँगता हूँ
तुम्हें पूजता हूँ
बनाना न आया
बहाना बनाना
कहेगा-सुनेगा
सुनेगा-कहेगा
हमारा तुम्हारा
फसाना जमाना
*
तुम्हीं जिंदगी हो
तुम्हीं बन्दगी हो
तुम्हीं वन्दना हो
तुम्हीं प्रार्थना हो 
नहीं सीख पाया
बिताया भुलाना
कहेगा-सुनेगा
सुनेगा-कहेगा
हमारा तुम्हारा
फसाना जमाना
*
तुम्हारा रहा है 
तुम्हारा रहेगा 
तुम्हारे बिना ना 
हमारा रहेगा 
कहाँ जान पाया
तुम्हें मैं लुभाना
कहेगा-सुनेगा
सुनेगा-कहेगा
हमारा तुम्हारा
फसाना जमाना
***




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